खेतों में जिप्सम के प्रयोग से क्या फायदा होता हैं ?

किसान अपने खेतों में अधिक से अधिक उत्पादन लेने के लिए खेत की तैयारी के समय गोबर की खाद का प्रयोग करता हैं और उसके बाद विभिन्न प्रकार के रासायनिक खाद प्रयोग करता हैं जिनसे कुछ मुख्य पोषक तत्व जैसे नाईट्रोजन, फोस्फोरस और पोटाश की पूर्ति होती हैं, परन्तु, सूक्ष्म पोषक तत्व की पूर्ति के लिए बहुत कम किसान किसी उर्वरक का प्रयोग करते हैं I ऐसे में मृदा में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी लगातार बढती जा रही हैं, परिणामस्वरुप मानव खाद्य आहार में भी कमी होती जा रही हैं I तो आइये, आज हम जानते हैं कि खेतों में जिप्सम के प्रयोग से किन किन सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति की जा सकती हैं और क्या क्या फायदे होते हैं ?

जिप्सम खाद क्या होता हैं ?

जिप्सम एक प्रकार का खनिज पदार्थ होता हैं और इसका रासायनिक सूत्र CaSo4.2H2O होता हैं I इसमें 20-24% तक कैल्सियम तथा 17-19% तक सल्फर होता हैं जो पौधो के विकास और उनको मजबूती प्रदान करने के साथ उत्पाद की गुणवत्ता बढाने में सहायक होता हैं I

फसलों के लिए क्यों जरूरी हैं जिप्सम ?

जिप्सम का प्रयोग मृदा सुधारक के रूप में (ऊसर या क्षारीय भूमि सुधारने में), मृदा में कंडीशनर के रूप में (भौतिक दशा सुधारने में) तथा मृदा में उर्वरक के रूप में (पोषक तत्व प्रदान करने के लिए) प्रयुक्त किया जाता हैं I जिप्सम से प्राप्त होने वाले सल्फर से उत्पादन बढ़ता हैं और कैल्सियम से जड़ों का विकास होता हैं I इसके अतिरिक्त, जिप्सम के प्रयोग से खेतों में और फसलों में निम्नानुसार फायदे होते हैं –

  • मृदा में सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति करता हैं और मृदा की भौतिक दशा में सुधार करता हैं I
  • फसलों के उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाता हैं, जिससे किसान भाई अधिक मूल्य प्राप्त कर सकते हैं I
  • भूमि सुधारक के रूप में ऊसर भूमि के pH को सामान्य बनाकर खेती योग्य बना देता हैं I
  • भूमि की भौतिक दशा सुधरने से पानी के प्रवेश और रिसाव बढ़ता हैं तथा मृदा सतह में परत का गठन नहीं होता हैं I
  • मृदा में लाभकारी कीट और जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि होती हैं I
  • फसल की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती हैं तथा पौधों का एक समान विकास होता हैं I
  • जिप्सम में उपस्थित सल्फर के कारण तिलहनी फसलों में तेल की मात्रा में वृद्धि होती हैं I

जिप्सम का प्रयोग कैसे करते हैं ?

जिप्सम को स्वयं के खेतों में प्रयोग करने के लिए सर्वप्रथम मिटटी की जांच करवाए और प्राप्त होने वाले “मृदा-स्वास्थ्य कार्ड” में दर्शायी गयी मात्रा अनुसार सही खाद का प्रयोग करें I मृदा में जिप्सम डालने के समय आधी मात्रा प्रथम वर्ष तथा शेष आधी मात्रा अगले वर्ष प्रयोग करें I जिप्सम की सही मात्रा को गोबर में मिलाकर खेत में समान रूप से बिखेर दें और फिर रोटावेटर या हल चलाकर मिटटी में मिला दें I

सारांश

उपरोक्तानुसार दर्शाए गए तथ्यों को ध्यान में रखकर ये माना जा सकता हैं कि जिप्सम एक सस्ता, सुलभ और महत्वपूर्ण कृषि आदान हैं जो सूक्ष्म पोषक तत्वों (सल्फर और कैल्सियम) की पूर्ति के साथ साथ मृदा की भौतिक व रासायनिक गुणों को सुधारता हैं I अतः इस महत्पूर्ण आदान का खेतों में प्रयोग कर मृदा की गुणवत्ता और प्राप्त होने वाले उत्पाद की गुणवत्ता को बढाया जा सकता हैं I

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